कारक चिह्न click here संज्ञा अथवा सर्वनाम को क्रिया से जोड़ने वाले चिन्ह (शब्द )परसर्ग या विभक्ति या कारक चिन्ह कहलाते हैं। कारक की परिभाषा – वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम जिस रूप (कर्ता, कर्म,करण .. ) में आते हैं, उसे कारक कहते हैं। संज्ञा या सर्वनाम का जो रूप क्रिया से उनका संबंध दर्शाता है कारक कहलाता है। संज्ञा और सर्वनाम पदों का क्रिया के साथ संबंध बताने वाले रूप को कारक कहते हैं। संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जो वाक्य की क्रिया /अन्य शब्दों के साथ उसके संबंध का बोध कराता है , कारक कहलाता है। उदाहरण – 1 . सोहन ने मोहन को थप्पड़ मारा । इस वाक्य में सोहन और मोहन दोनों संज्ञा है, मारा क्रिया है और यह क्रिया सोहन ने की है और इसका प्रभाव मोहन पर पड़ा है। मैं और को कारक चिन्ह है। 2. अध्यापक कलम से लिखते हैं। 3. चिड़िया पेड़ पर बैठी है। 4. वह छिपकली से डरता है। 5. सुनो ! यहाँ आओ। कारक चिन्ह/ क्या है ?– कारक के कितने भेद होते हैं? वाक्य म
〖 वर्णमाला 〗 👉 स्वर – अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ 👉 अनुस्वार – अं 👉 विसर्ग – अ: 👉 व्यंजन – क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह (क़ ख़ ग़ ज़ ड़ ढ़ फ़ श़ ) 👉 संयुक्त व्यंजन– क्ष त्र ज्ञ श्र 💥 स्वर की मात्रा 💥 अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ - ा ि ी ु ू े ै ो ौ अं अ: ऋ ं : ृ सूचना – अ की मात्रा नहीं होती हैं और अ से रहित व्यंजन हलन्त कहें जाते हैं। जैसे- क् ब् ल् व् द् व् स् । 💥बारह खड़ी 💥 अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः - ा ि ी ु ू ृ े ै ो ौ ं ः क का कि की कु कू कृ के कै को कौ कं कः ख खा खि खी खु खू खृ खे खै खो खौ खं खः ग गा गि गी गु गू गृ गे गै गो गौ गं गः घ घा घि घी घु घू घृ घे घै घो घौ घं घः च चा चि ची चु चू चृ चे चै चो चौ चं चः छ छा छि छी छु छू छृ छे छै छो छौ छं छः ज जा जि जी जु जू जृ जे जै जो जौ जं जः झ झा झि झी झु झ